पौराणिक हिन्दू धर्म में गणेश भगवान का महत्त्वपूर्ण स्थान है। किसी भी कार्य से पहले या पूजन में सबसे पहले गणेश भगवान को ही पूजा जाता है गणेश भगवान एकमात्र ऐसे देवता हैं, जिनके चित्र सबसे अधिक अलगअलग आकृतियों में देखने को मिलते हैं। सभी देवताओं में गणेश भगवान की पूजा अर्चना सबसे पहले की जाती है।
गणेश ज़ी का जन्म भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को मध्याह्न में हुआ था । ये शिव और पार्वती के दूसरे पुत्र हैं। भगवान गणेश का स्वरूप अत्यन्त ही मनोहर एवं मंगलदायक है । गणेश भगवान एकदन्त और चतुर्बाहु हैं। अपने चारों हाथों में वे क्रमश पाश, अंकुश, मोदक पात्र तथा वरमुद्रा धारण करते हैं।वे रक्तवर्ण, लम्बोदर, शूर्पकर्ण तथा पीतवस्त्रधारी हैं।
गणेश जी की आरती हिंदी में
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा
एक दिन दयावन्त चार भुजा धारी
मस्तक सिन्दूर सोहे मुसे की सवारी
पान चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा
लड्डू अन का भोग लागो सन्त करे सेवा
अन्धन को आँख देत कोढ़िन को काया
बांझन को पुत्र देत निर्धन को माया
हार चढ़े फूल चढ़े और चढ़े मेवा
सूरश्याम शरण आए सुफल की जेसेवा
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा
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Shri Ganesh Ji Ki Aarti in English
Jai Ganesh, Jai Ganesh, Jai Ganesh Deva
Mata Jaki Parvati, Pita Maha Deva
Jai Ganesh Jai Ganesh, Jai Ganesh Deva
Mata Jaki Parvati, Pita Maha Deva
Ek Dant Daya Want, Char Bhuja Dhari
Ek Dant Daya Want, Char Bhuja Dhari
Mathe Sindur Sohai, Muse Ki Sawari
Pan Chadhe Phool Chadhe, Aur Chadhe Meva
Laduan Ko Bhog Lage, Sant Kare Seva
Jai Ganesh Jai Ganesh, Jai Ganesh Deva
Mata Jaki Parvati, Pita Maha Deva
Andhan Ko Aankh Det, Kodhin Ko Kaya
Bajhan Ko Purta Det, Nirdhan Ko Maya
Surya Shaam Sharan Aye, Safal Kije Sewa
Jai Ganesh Jai Ganesh, Jai Ganesh Deva
Mata Jaki Parvati, Pita Maha Deva
Bolo Ganpati Bappa Ki Jai!
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