Deled Course 509 Assignment 1 Answer 2 with Question

Deled course 509 Assignment 1 Answer 1 with Question - उच्च प्राथमिक स्तर पर सामाजिक – विज्ञान पाठ्यक्रम में इतिहास की महत्व की व्याख्या कीजिए | अपने विद्यार्थियों के सार्थक अधिगम हेतु आप इतिहास पढ़ाने के लिए किस विधि का उपयोग करते हैं ? चर्चा कीजिए |

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Deled Course 509 Assignment 1 Answer 2 with Question
प्रश्न 2) उच्च प्राथमिक स्तर पर सामाजिक – विज्ञान पाठ्यक्रम में इतिहास की महत्व की व्याख्या कीजिए | अपने विद्यार्थियों के सार्थक अधिगम हेतु आप इतिहास पढ़ाने के लिए किस विधि का उपयोग करते हैं ? चर्चा कीजिए |

उत्तर :

उच्च प्राथमिक विद्यालयी पाठ्यक्रम में इतिहास :

आजकल प्राथमिक स्तर से बच्चो को इतिहास का अध्ययन कराया जाता है जिससे वो इतिहास के बारे में जान सके | जैसा की हम जानते हैं की सामाजिक विज्ञान मनुष्य और समाज के संबंधो को अध्ययन से संबंध रखता हैं | समाज विज्ञान शिक्षक के रूप में हम चाहते है की हमारे विद्यार्थी सामाजिक , आर्थिक और राजनितिक समस्याओं की जटिलताओं को समझें | हम चाहते है की वह महत्वपूर्ण और महत्वहीन के बिच विभेद करने योग्य बन सके | सामाजिक विज्ञान अनुशासन के द्वारा प्रदात ज्ञान विद्यार्थियों को कालांतर में विचारों , घटनाओं और व्यक्तियों द्वारा परिवर्तन लाने केलिए किए गए अंत भेदों की सराहना करने योग्य बनता हैं | साथ में मानव समाज में सतता बनाए रखने वाली परिस्थितियों और शक्तियों को पहचानने की योग्यता प्रदान करता हैं |


अधिगम उद्देश्य :

इस इकाई के अध्ययन के पश्चात आप इस योग्य हो जायेगे कि -
  • सामाजिक विज्ञान के पाठ्यक्रम में इतिहास के विकास का वर्णन कर सकेगे | 
  • इतिहास की अवधारणा व इसके अध्ययन की अवधारणा से इसके संबंधो को परिभाषित कर सकेगे |
  • उच्च प्राथमिक विद्यालयी पाठ्यक्रम में सामाजिक विज्ञान में इतिहास की स्तिथि का वर्णन कर सकेगे |
  • पूर्व-आधुनिक काल, आधुनिक काल एवं समकालीन संसार में इतिहास की प्रचलित प्रकृति की व्याख्या कर सकेगे |
  • विभिन्न युगों में इतिहास का भारतीय परिप्रेच्क्ष्य में वर्णन कर सकेगे |
  • वर्तमान सामाजिक प्रतिमानों एवं चुनौतियो के संधर्भ में सामाजिक विज्ञान अधिगम के स्थान एव क्षेत्र में इतिहास के योगदान को न्यायोचित सिद्ध कर देगे |
  • विद्यालय स्तर पर सामाजिक विज्ञान एवं इतिहास के प्रशिक्षण समन्धि घटकों की पहचान कर सकेगे |
  • सामाजिक विज्ञान में  अंतर्विषयक एव एकीकृत परिप्रेक्ष्य का वर्णन कर सकेगे |


भारतीय परिप्रेक्षेय में इतिहास 

विभिन्न कलि की शिक्षा पद्धति में इतिहास, सामाजिक विज्ञान का एक अहम् हिस्सा बन चुका है, नैतिकता आध्यात्मिकता, सामाजिक मूल्यों और वृतियो आदि जीवन भारतीय जीवन दर्शन का पथ प्रदशन कर रहे है और सदीओ से जी रहे है, वेड उपनिषद, स्मृति पुराण, रामायण, महाभारत, पूर्व ऐतिहासिक भारतीय ग्रन्थ है जिसमे सामजिक मूल्यों एवं स्वस्थ जीवन जीने के सिद्धांत समाहित है | कौटिल्य का अर्थशास्त्र, विष्णु शर्मा का पंचतंत्र आदि इतिहास की कुछ ऐसी रचनाए है जो सामाजिक विज्ञान की नीतीयो और सिद्धांतो से सम्बन्ध रखती है | 

मध्यकालीन भारत और पूर्व मध्यकालीन साहित्यिक परम्पराओ जैसे बुद्ध की रचनाये, इस्लामिक रचनाये, भक्ति रचनाये आदि को सामाजिक एयर सांस्कृतिक मूल्यों और धरोहरों की रचनाये समझा जाता है | इस सभी संधर्भो को देखते हुए हम कह सकते है की सामजिक विज्ञान तथा मध्यकाल से भारतीय शिक्षा और संस्कृति, पद्दति दोनों का एक अहम् हिस्सा बन गया था | परन्तु भारतीय उच्च शिक्षा और विश्वविधालयो शिक्षा पद्दति में इतिहास औपचारिक रूप से 18वी, 19वी सदी में बन चुका है 

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