Nios Deled course 509 Assignment 1 का Answer 1 मैंने यहाँ लिख दिया है आप चाहे तो इसे Hindi या English भाषा में लिख सकते है इसका आप्शन इस वेबसाइट में उपलब्ध है
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प्रश्न : सामाजिक अध्ययन और सामाजिक विज्ञानं की अवधारणा के बीच सम्बन्ध का वर्णन कीजिये | बदलते हुए सामाजिक दृश्य के संधर्भ में सामाजिक विज्ञान के भारतीय परिप्रेछय की चर्चा कीजिये |
देखे : 509 Assignment 1 का दूसरा उत्तर
उत्तर : सामाजिक अध्ययन और सामाजिक विज्ञान एक सिक्के के दो पहलू है | ये एक दुसरे से अनेक तरह से सम्बंधित है और एक दुसरे से भिन्न है इनमे निम्नलिखित सम्बन्ध है |
सामाजिक अध्ययन और सामाजिक विज्ञान दोनों ही एक ही वर्ग निछेप का परिणाम है |
संबंधो का क्षेत्र - मानवीय संबंधो के व्यवहारात्मक पहलू से सम्बंधित है |
कार्य का क्षेत्र - सामाजिक प्रशिक्षण सम्बन्धी उपयोगिताओ की खोज करता है |
उपागम - सामाजिक अध्ययन एक बाल उपागम प्रस्तुत करता है |
उद्देश्य - सामाजिक अध्ययन का उद्देश्य समाज भी विभिन्न व्यवहारात्मक समस्याओ के समाधान के लिए ज्ञान ग्रहण करना है |
घटक - सामाजिक अध्ययन बड़ी संख्या में सामाजिक विज्ञान से पाठ्यवस्तु का निर्माण करता है और तीन या चार विस्तृत शीर्षकों के लेबल प्रदान करता है (जैसे - इतिहास, अर्थशास्त्र, आदि) जिससे इन्हें विद्यालय स्तर पर पढाया जा सके |
संयोजन की प्रकृति :- सामाजिक अध्ययन को हम मिश्रण की अपेक्षा एक ठोस संगठन कह सकते है यहाँ इस संयोग से कुछ नया प्राप्त होता है |
पाठक या पढने वाले :- सामाजिक अध्ययन का मुख्य उद्देश्य नागरिक निर्माण से शुरू होता है |
क्षेत्र :- सामाजिक अध्ययन सामाजिक विज्ञान का एक भाग है इसलिए यह सामाजिक विज्ञान का एक सरलीकृत पहलू है जी विद्यालय या बेसिक विद्यालय स्तर पर चढ़ाया जाता है |
व्युत्पत्ति - सामाजिक विज्ञान सामाजिक अध्ययन का जन्मदाता है |
संबध का क्षेत्र - मानवीय संबधो के सैधांतिक पहलू से सम्बंधित है |
कार्य का क्षेत्र - सामाजिक विज्ञान सामाजिक उपयोगिता की खोज करता है |
उपागम - सामाजिक विज्ञानं एक व्यस्क उपागम प्रस्तुत करता है |
उद्देश्य - सामाजिक विज्ञान का उद्देश्य ज्ञान का अंशदान और बौद्धिक क्षितिज का विकास करना है |
घटक - सामाजिक विज्ञान में बड़ी संख्या में विभिन्न विषय जैसे इतिहास, राजनीति विज्ञान, समाजशास्त्र, मानव विज्ञान, अर्थशास्त्र, आदि शामिल है |
संयोहन की प्रकृति - सामाजिक विज्ञान विभिन्न विषयो का मिश्रण है |
पाठक या पढने वाले - सामजिक विज्ञान के पाठक बहुत कम है | केवल वही जो रूचि रखते है और योग्य होते है |
अध्ययन की अवस्था - सामाजिक विज्ञान मानव समाज का उन्नत अध्ययन है |
क्षेत्र - जबसे सामाजिक विज्ञान में नए विषयो का समावेश हुआ है इसका क्षेत्र बहुत व्यापक हो गया है |
जटिलता - सामाजिक विज्ञान एक सामाजिक परिदृश्य का जटिल अध्ययन है |
इसे आप जल्द से जल्द अपने शब्दों का प्रयोग करके असाइनमेंट में लिख कर जमा कर दे क्युकी अब असाइनमेंट जमा होने शुरू हो चुके है
प्रश्न : सामाजिक अध्ययन और सामाजिक विज्ञानं की अवधारणा के बीच सम्बन्ध का वर्णन कीजिये | बदलते हुए सामाजिक दृश्य के संधर्भ में सामाजिक विज्ञान के भारतीय परिप्रेछय की चर्चा कीजिये |
देखे : 509 Assignment 1 का दूसरा उत्तर
उत्तर : सामाजिक अध्ययन और सामाजिक विज्ञान एक सिक्के के दो पहलू है | ये एक दुसरे से अनेक तरह से सम्बंधित है और एक दुसरे से भिन्न है इनमे निम्नलिखित सम्बन्ध है |
सामाजिक अध्ययन और सामाजिक विज्ञान दोनों ही एक ही वर्ग निछेप का परिणाम है |
- दोनों एक ही विषय वास्तु के सर्व्निष्ट नियम को बांटते है |
- दोनों ही स्तिथियो में केंद्रीय बिंदु स्त्री-पुरुष का सम्बन्ध, स्त्री, पुरुष और उनके वातावरण से सम्बंधित है
- सामाजिक अध्ययन और सामाजिक विज्ञानं दोनों में ही मानवीय सम्बन्ध उभयनिष्ट है |
- दोनों में ही मनुष्यो के विभिन्न क्रियाकलापों में व्यस्तता पर बल दिया है |
- इसका उद्देश्य होता है की उनकी मूल आवश्यकताओ की पूर्ती, उनकी भावनाओ एवं विचारो के आदान-प्रदान,ज जीवन की आवश्यकताओ के निर्माण एवं उपभोग के लिए और मानवीय एवं प्राकतिक संशाधनो की सुरक्षा |
आकृति :-
सामाजिक अध्ययन के साथ विज्ञानं के साथ क्रियात्मक संबंधो का वर्णन |सामाजिक अध्ययन :-
व्युत्पत्ति - सामाजिक अध्ययन सामाजिक विज्ञान का उत्पाद या परिणाम है |संबंधो का क्षेत्र - मानवीय संबंधो के व्यवहारात्मक पहलू से सम्बंधित है |
कार्य का क्षेत्र - सामाजिक प्रशिक्षण सम्बन्धी उपयोगिताओ की खोज करता है |
उपागम - सामाजिक अध्ययन एक बाल उपागम प्रस्तुत करता है |
उद्देश्य - सामाजिक अध्ययन का उद्देश्य समाज भी विभिन्न व्यवहारात्मक समस्याओ के समाधान के लिए ज्ञान ग्रहण करना है |
घटक - सामाजिक अध्ययन बड़ी संख्या में सामाजिक विज्ञान से पाठ्यवस्तु का निर्माण करता है और तीन या चार विस्तृत शीर्षकों के लेबल प्रदान करता है (जैसे - इतिहास, अर्थशास्त्र, आदि) जिससे इन्हें विद्यालय स्तर पर पढाया जा सके |
संयोजन की प्रकृति :- सामाजिक अध्ययन को हम मिश्रण की अपेक्षा एक ठोस संगठन कह सकते है यहाँ इस संयोग से कुछ नया प्राप्त होता है |
पाठक या पढने वाले :- सामाजिक अध्ययन का मुख्य उद्देश्य नागरिक निर्माण से शुरू होता है |
क्षेत्र :- सामाजिक अध्ययन सामाजिक विज्ञान का एक भाग है इसलिए यह सामाजिक विज्ञान का एक सरलीकृत पहलू है जी विद्यालय या बेसिक विद्यालय स्तर पर चढ़ाया जाता है |
सामाजिक विज्ञानं
व्युत्पत्ति - सामाजिक विज्ञान सामाजिक अध्ययन का जन्मदाता है |
संबध का क्षेत्र - मानवीय संबधो के सैधांतिक पहलू से सम्बंधित है |
कार्य का क्षेत्र - सामाजिक विज्ञान सामाजिक उपयोगिता की खोज करता है |
उपागम - सामाजिक विज्ञानं एक व्यस्क उपागम प्रस्तुत करता है |
उद्देश्य - सामाजिक विज्ञान का उद्देश्य ज्ञान का अंशदान और बौद्धिक क्षितिज का विकास करना है |
घटक - सामाजिक विज्ञान में बड़ी संख्या में विभिन्न विषय जैसे इतिहास, राजनीति विज्ञान, समाजशास्त्र, मानव विज्ञान, अर्थशास्त्र, आदि शामिल है |
संयोहन की प्रकृति - सामाजिक विज्ञान विभिन्न विषयो का मिश्रण है |
पाठक या पढने वाले - सामजिक विज्ञान के पाठक बहुत कम है | केवल वही जो रूचि रखते है और योग्य होते है |
अध्ययन की अवस्था - सामाजिक विज्ञान मानव समाज का उन्नत अध्ययन है |
क्षेत्र - जबसे सामाजिक विज्ञान में नए विषयो का समावेश हुआ है इसका क्षेत्र बहुत व्यापक हो गया है |
जटिलता - सामाजिक विज्ञान एक सामाजिक परिदृश्य का जटिल अध्ययन है |
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